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अहंकार के वश में जो भूल हुई रघुराई है,

रावण के जीवन की अन्तिम घड़ी आई है ।।

हर ले गया जो सीता माँ को,

उस भूल की करनी अब बड़ी भरपाई है ।।

 

रावण के जीवन की अन्तिम घड़ी आई है ।।

रावण के जीवन की अन्तिम घड़ी आई है ।।

 

अहंकार अब ढला है देखो,

सुबह नई अब आई है,

श्री राम की सेना तैय्यार खड़ी और,

रावण के जीवन की अन्तिम घड़ी आई है ।।

 

 

स्वर्णिम लंका राख बना दी,

जो हनुमान के पूँछ में आग लगाई है ।।

अहंकार के वश में जो भूल हुई रघुराई है,

रावण के जीवन की अन्तिम घड़ी आई है ।।

रावण के जीवन की अन्तिम घड़ी आई है ।।

 

एक अरसे के बाद राम-सीय के,

मिलन की वो पावन घड़ी आई है ।।

गूँज उठा संसार हर्ष से,

ऐसे मेरे राम, मेरे रघुराई हैं ।।

ऐसे मेरे राम, मेरे रघुराई हैं ।।

 

- कुणाल सोनकर

RAM SAKAL GUNDHAM

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