top of page

कुछ सोच के तेरे दिल में अंजान घुसा होगा,

 शायद इसी चुप रहने में जीने का मजा होगा,

 जिस वक्त ये हां तूने, इजहार में भरी होगी,

 जानम तेरा मस्ती से क्या हाल हुआ होगा,

 तेरे घर से वो मंदिर तक, पाए गए आशिक हां,

 या हर गए होंगे, या एक-तरफ़ा रहा होगा...

 सबसे पसंद है मुझे साजन तेरा ये नाम,

 करता नहीं बगैर इश्क मैं कोई भी काम,

 आशिक तो क्या फरिश्ते भी करते हैं एहतेराम

 रखता नशा बुलंद सबसे तेरा इश्क-ए-जाम....

DIGEST 2

₹199.00Price
Quantity
  • 9781639573035

Related Products

bottom of page