ROHIT SHUKLA
जैसे की मुझे एक्टिंग का बड़ा शोख है मै कभी कहानी की निश्चितता में विश्वास नहीं करता मै विश्वास करता हूँ खुद के कहानी में डूब जाने में और अगर कोई लेखक अपने लेख से पाठक को कहानी से जोड़ पाया तो उसे मै कहानी की संज्ञा दूंगा | यूँ तो पहले भी कई बार मैंने कहानी लिखने की कोशिश की है मगर नाकाम रहा क्योकि मुझे लिखने की बड़ी ख़राब लत है इस लिए मै अपने साथ पेन और एक सदा कागज हमेशा रखता हूँ पता नहीं कब ज़रूरत पड़ जाए और फ़ोन तो हमेशा साथ है ही |
मेरे साथ पहले भी कई बार ऐसा हुआ है की कहानी लिखने के लिए शीर्षक दे दिए गए लकिन उसके आगे की कहनियाँ दिमाग में ही रही कभी पन्ने पर नहीं आई वे आज भी उन जड़ संबोधक शीर्षकों में रुकी हुई है |
खैर ये मेरे जीवन की पहली कहानी है आप से अनुरोध है इसे प्यार और इत्मिनान से पढ़े और आपको अच्छी बुरी जैसी भी लगे अपने विचार जरुर साझा करे |
मैं और समिधा | MAI AUR SAMIDHA | AUTHOR: ROHIT SHUKLA
9781639741342



















